Friday, June 07, 2024

लंदन में एक दिन

 

पिछले बरस फरवरी में 12वें 'विश्व हिन्दी सम्मेलन' में अपरिहार्य कारणों से मैं फ़िजी नहीं जा सका, आवागमन का प्रबंध भारत सरकार का था।
तथापि लंदन बीता परसों एक दिन।
फ़िजी में सम्पन्न हुए 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का 'विश्व हिन्दी सम्मान' उस दिन भारतीय उच्चायोग लंदन  में सादर प्राप्त हुआ।
उच्चायोग में मंत्री समन्वय दीपक चौधरी जी और संस्कृति अताशे नंदिता जी को बहुत धन्यवाद।



 

लंदन में ही देर दोपहर लंबे अरसे से लंबित ललित मोहन जोशी जी और कृष्ण बजगाईं जी  से ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट में मुलाकात हुई, समय कम था फिर भी एक अच्छी यादगार मुलाकात ।
फिर ट्रेन वापस । कि एक दिन ऐसा हुआ।
 

What I Was Not

 Mohan Rana's poems weave a rich tapestry of memory and nostalgia, a journeying through present living. Explore the lyrical beauty of th...