Thursday, January 15, 2009

सफेद सूरज


कहाँ हैं इसके रथ में जुते सात घोड़े
रात भी यहीं सुबह भी यहीं दोपहर और शाम भी यहीं!
बंद कर दूँ खिड़की
क्या करूँ इस दृश्य का
हर दिशा में,
मैं ही हूँ

Thursday, January 01, 2009

नववर्ष 2009 की हार्दिक शुभकामनाएँ



31 दिसंबर की सुबह जमे हुए पाले में प्रकट हुई, बाहर कुहासे में ठिठुरता हुआ सन्नाटा. बगीचे में एक मैग्पाइ (मुटरी) उड़कर शंकु वृक्ष के शिखर पर बैठ गई. हमेशा सतर्क रहने वाली चिड़िया, चुपके से उसकी दो तीन तस्वीरें ले ली. इसे चालाक और चोर चिड़िया लोग कहते हैं क्योंकि इसके घोंसले में चमकीली चीजें पाई जाती हैं. पर चीन में मैग्पाइ को शुभ माना जाता है.

The Translator : Nothing is Translated in Love and War

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