Sunday, May 23, 2010

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रद्दी में गई लिफाफों में बदल गई कविताओं का
विशेष संग्रह यहाँ उपलब्ध है








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कविता अपना जनम ख़ुद तय करती है / The poem Chooses Its Own Birth

Year ago I wrote an essay 'कविता अपना जनम ख़ुद तय करती है ' (The poem Chooses Its Own Birth) for an anthology of essays  "Liv...