सोया तन किस का
जागा मन किसका
भागते रूका कौन सोचते
ये पैर दौड़ते हैं
या भागती हैं दूरियाँ !
जिसमें ना हो साहस
अच्छा हो वो ना बोले झूठ
मौन हैं कौवे नीरव दोपहर में
पेड़ देखा दो हज़ार पुराना
पतझर में गिरते हैं पत्ते उसके भी पिछले बसंत के.
कवि जी कहते हैं दो और दो होते हैं साढ़े तीन
मैं खोजता रहा बरसों से
अब तक इस सवाल का जवाब
© 9/11/10