Wednesday, March 29, 2006

सुबह सुबह

फोन आया ...मैं कुछ सोच ही रहा था,आश्चर्य को  आश्चर्य ही होना चाहिए ना.

मैंने कभी किसी अन्य जीव को यह कहते नहीं सुना काश मैं मनुष्य होता...

लेकिन जब मैं किसी चिड़िया को हवा में कलाबाजी करते देखता हूँ तो सोचता हूँ काश में उस उड़ान को भर
पाता.

The Translator : Nothing is Translated in Love and War

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