Monday, May 09, 2011

भविष्य













कुछ
दिनों में आएगा एक मौसम

इस अक्षांस में

कुछ दिनों में आएगा एक समय,

जिसे याद रखने के लिए भूलना पड़ेगा सबकुछ

क्षणभंगुर भविष्य को जीते,

मैंने अतीत को नहीं देखा है अब तक

29.3.2009

©मोहन राणा

What I Was Not

 Mohan Rana's poems weave a rich tapestry of memory and nostalgia, a journeying through present living. Explore the lyrical beauty of th...