निसर्ग प्रेरणांचा उत्सव। A celebration of elemental muse.
'शेष अनेक' की दा.गो.काळे. द्वारा लिखित समीक्षा 'वाटसरू' [1 से 15 सितम्बर 2016 ] अंक में।
Review of 'Shesh Anek' in Watsaru Magazine ( 1-15 sept 2016)
by Damodar Kale.
कविता अपना जनम ख़ुद तय करती है / The poem Chooses Its Own Birth
Year ago I wrote an essay 'कविता अपना जनम ख़ुद तय करती है ' (The poem Chooses Its Own Birth) for an anthology of essays "Liv...
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चुनी हुई कविताओं का चयन यह संग्रह - मुखौटे में दो चेहरे मोहन राणा © (2022) प्रकाशक - नयन पब्लिकेशन
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Ret Ka Pul | Revised Second Edition | रेत का पुल संशोधित दूसरा संस्करण © 2022 Paperback Publisher ...