Monday, November 27, 2017

सुनता है गुरू ज्ञानी



सुनता है गुरू ज्ञानी - कबीर

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कविता अपना जनम ख़ुद तय करती है / The poem Chooses Its Own Birth

Year ago I wrote an essay 'कविता अपना जनम ख़ुद तय करती है ' (The poem Chooses Its Own Birth) for an anthology of essays  "Liv...