बुधवार 8 नवंबर 2006 नेहरू केंद्र लंदन में हिन्दी के भविष्य पर चर्चा ...कुछ प्रस्ताव ...deja vu
क्या दुनिया हिन्दी बोलना सुनना चाहती है? या यह बस हमारे मन में चल रही ही किसी बंदर की बतियाहट है!
और हाँ
विदेश राज्य मंत्री श्री आनंद शर्मा भी वहाँ आए
रायपुर से आए साहित्यकारों के साथ
सृजनगाथा के संपादक जयप्रकाश मानस भी आए थे उन्होंने एक विशेष संग्रह - ब्रिटेन में हिन्दी कविता http://www.srijangatha.com/november/pravashiank.nov06.htm पर संपादित किया है.
वहाँ कुछ अपरिचित भी मिले और परिचित हो गए.
No comments:
Post a Comment