Friday, March 07, 2008

दुविधा


बाकी हैं निशान पिछले पतझर के
वसंत आने को है कैलेंडर के अनुसार,
पेड़ की जड़ों की ओर देखता
किस मौसम की बात कर रहा हूँ?

© मोहन राणा

What I Was Not

 Mohan Rana's poems weave a rich tapestry of memory and nostalgia, a journeying through present living. Explore the lyrical beauty of th...