Wednesday, July 29, 2009

विदूषक




पब में दो लोग अपने अपने होश को संभालते एक दूसरे को जोरों से बोलते, कुछ खास कहने की कोशिश करते हुए असफल होते हैं और जितना जोर से बोलते उतना ही सुनना कठिन हो जाता है अपने ही शोर को सुनते हुए. कौन है विदूषक इस कोलाहल में.




फोटो ©मोहन राणा /2009

The Translator : Nothing is Translated in Love and War

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