
....पर अर्धसत्य - आधा सच आधा झूठ ही तो है. दोनों एक साथ .
एक देह में दो टुकड़े आत्मा - यह बँटवारा
जैसे मुस्कराहट भी भय की पहचान हो
17.7.05 © मोहन राणा
8 Apr 2025 Arup K. Chatterjee Nothing is Translated in Love and War Translation of Mohan Rana’s poem, Prem Au...