Tuesday, October 25, 2005

पहली किताब से



संजय के अनुरोध पर पहले संग्रह "जगह" से यह कविता फिर


विदा


जब हम फिर मिलेंगे
हमें फिर से
बनना पड़ेगा दोस्त

1986


जगह(1994) पृष्ठ 30
जयश्री प्रकाशन, दिल्ली

What I Was Not

 Mohan Rana's poems weave a rich tapestry of memory and nostalgia, a journeying through present living. Explore the lyrical beauty of th...