
संजय के अनुरोध पर पहले संग्रह "जगह" से यह कविता फिर
विदा
जब हम फिर मिलेंगे
हमें फिर से
बनना पड़ेगा दोस्त
1986
जगह(1994) पृष्ठ 30
जयश्री प्रकाशन, दिल्ली

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